कोरोना में क्लास बन्द रहने के बावजूद कोर्से खतम करने का एक अलग दबाव झेलकर नेशनल कोचिंग सेंटर मोहनी ने लहराया अपना परचम I

 कोरोना में क्लास  बन्द रहने के बावजूद कोर्से खतम करने का एक अलग दबाव झेलकर  नेशनल कोचिंग सेंटर मोहनी  ने लहराया अपना परचम I


मो० हमज़ा अस्थानवी

नालंदा: सोमवार  को बिहार बोर्ड के 10वीं का रिजल्ट जारी होते ही मोहनी के प्रसिद्ध  शिक्षण संस्थान  नेशनल कोचिंग सेंटर  के छात्र - छात्राओं के बीच ख़ुशी की लहार दौड़ गई I मुख्यतः मैथ,साइंस,सोशल साइंस  विषय की पढ़ाई के लिए मशहूर इस संस्थान से  आएशा अहसन(454), छोटु कुमार(453),शिवम राज(450),साफिया परवीन (413),अजहर इमाम (415), ये सभी 400 का आंकड़ा पार किये। बाकी बहूत सारे स्टूडेंट प्रथम डिवीजन से पास किये है जिनका मार्क्स 300 से 399 तक है  अब तक किसी के फेल होने की सूचना हमे नही मिली है बाकी सब सैकेण्ड डिवीजन और बाकी 3rd डिवीज़न है I इस संस्थान से कुल 80 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था जिसमें अबतक प्राप्त सूचना के अनुसार कोई फेल नही है सभी ने  सफलता प्राप्त करते हुए परीक्षा  उत्तीर्ण की I  संस्थान के निदेशक मो ज़ीशान दानिश  ने सभी छात्र - छात्राओं को बधाई देते हुए कहा की परिश्रम कभी बेकार नहीं जाता इसलिए यदि आप सकारात्मक सोच के साथ कठोर श्रम करते रहेंगे तो अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेंगे I वही संस्थान की छात्रा   आएशा अहसन ने कही की संस्थान के निदेशक ने कोरोना जैसे महामारी के कारण पूरी दुनियां लॉकडाउन हो चुकी थी I हम सभी विद्यार्थीगण परेशान थे की अब हम सब की पढ़ाई कैसे होगी लेकिन संस्थान ने उस विषम परस्तिथि में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल  कर बेहतरीन ढंग से तैयारी कराई गई जिसके कारण इस संस्थान के सभी विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया I संस्थान के निदेशक के  द्वारा पढ़ाई का जो तरीका इस्तेमाल किया जाता है वे बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता है I पढ़ाई के दौरान प्रत्येक दिन पिछले दिनों की पढ़ाई से संबंधित ओरल टेस्ट, सरपराइज टेस्ट लेना हम सभी विद्यार्थियों के लिए कफी फायदेमंद साबित हुआ I छात्र छोटु और शिवम  राज  बताया  की संस्थान के द्वारा बच्चों को आधुनिक तरीकों के द्वारा अध्ययन करवाना तथा बेहतर दिशा - निर्देश के कारण ही प्रत्येक वर्ष बेहतर परिणाम आते है I साफिया परवीन  ने बताई की संस्थान के द्वारा प्रत्येक चैप्टर के समाप्ति के बाद  टेस्ट लेना और उत्तर - पुस्तिका का मूल्यांकन  करने के बाद  बच्चों को वापस देना ताकि बच्चों को पता चल सके की उन्होंने  कहाँ गलती की ताकि आगे वो इस प्रकार की गलती न कर सके I  इसी कारण से बच्चों के परिणाम बोर्ड परीक्षा में  बेहतर आते है I संस्थान के निदेशक मो ज़ीशान दानिश तथा नेशनल पब्लिक स्कूल मक़्सूद्पूर के डायरेक्टर मो खालिद नैय्यर  ने सभी छात्र - छात्राओं को बधाई दी एवं उज्जवल भविष्य की कामना की I

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